समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
गृहिणी बनना भी अपनी च्वाइस होती है, जानिए ट्रैड वाइफ पर क्यों छिड़ी है बहस?
हमारे समाज में घर संभालना छोटी बात क्यों मानी जाती है? क्या आपने कभी हाउसवाइफ का इसलिए सम्मान होते देखा है, क्योंकि उसने घर को बड़े ही करीने से संभाला है. लोगों को यह क्यों समझ नहीं आता कि जरूरी नहीं है कि हर महिला को बाहर काम करना ही पसंद हो. घर को मैनेज करना किसी कंपनी को मैनेज करने से आसान काम थोड़ी है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
क्या घरेलू कामों के बोझ के डर से लड़कियां शादी नहीं कर रही हैं?
बेटे की शादी के बाद घर की सारी जिम्मेदारी बहू के ऊपर डाल दी जाती है. घर का काम करने और रसोई में खाना बनाने में बुराई नहीं है, लेकिन यह तब उबाऊ हो जाता है सब सबकुछ उस महिला को ही संभालना पड़ता है. महिलाएं पूरी कोशिश करती हैं कि वे घर और ऑफिस दोनों को मैनेज कर सकें. वे मेहनत करने से नहीं, खुद को खोने से डरती हैं.
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

